Skip to main content

हमारे बचपन में.....

हमारे बचपन में कपड़े तीन टाइप के
ही होते थे •••
स्कूल का ••• घर का ••• और किसी
खास मौके का •••

अब तो ••• कैज़ुअल, फॉर्मल, नॉर्मल,
स्लीप वियर, स्पोर्ट वियर, पार्टी वियर,
स्विमिंग, जोगिंग, संगीत ड्रेस,
फलाना - ढिमका •••

जिंदगी आसान बनाने चले थे ••• पर
वह कपड़ों की तरह कॉम्प्लिकेटेड हो
गयी है •••

🌿Enjoy life🌻🌻

Comments

Popular posts from this blog

उस इंसान पर भरोसा.....

उस इंसान पर भरोसा करो जो आपके अंदर तीन बाते जान सके, मुस्कुराहट के पीछे दुःख, गुस्से के पीछे प्यार, चुप रहने के पीछे वजह.......#AnonymousGlm

Relationship क्या है...?

रिलेशनशिप मतलब एक GF या BF वाला रिलेशनशिप ही नहीं होता.... एक ऐसा रिलेशनशिप जिसमें दो लोग सिर्फ भावनाओं से  एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं..... एक ऐसा रिश्ता जिस पर कोई सामाजिक मोहर या नाम...

आठवणGlm

#आठवणGlm समुद्र किनाऱ्यावर चालताना मऊ वाळूवर पडलेलं प्रत्येक पाऊल आपली छाप सोडून जातं... मग हळूच एक लाट येते... आणि ती छाप अलगद आपल्या सोबत घेऊन जाते... अस्सल जीवनातही असंच होतं... ...