चलो कुछ पुराने दोस्तों के ,
दरवाजे खटखटाते है !
देखतें हैं उनके पंख थक चुके
या अभी भी फड़फड़ाते है !
हँसते हैं खिलखिलाकर, या
होंठ बंद कर मुस्कुराते हैं !
बताते है सारी आपबीती, या
सिर्फ सफलताएं सुनाते हैं !
होंठ बंद कर मुस्कुराते हैं !
बताते है सारी आपबीती, या
सिर्फ सफलताएं सुनाते हैं !
हमारा चेहरा देख वो ,
अपनेपन से मुस्कराते है !
या घडी की और देखकर ,
हमें जाने का वक्त बताते हैं !
अपनेपन से मुस्कराते है !
या घडी की और देखकर ,
हमें जाने का वक्त बताते हैं !
चलो कुछ पुराने दोस्तों के ,
दरवाजे खटखटाते है !
...........#Unknown
दरवाजे खटखटाते है !
...........#Unknown
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